लेखक अंशुमन भगत और बालाजी मिश्रा ने राजनीति के हर क्षेत्र में उसके प्रभाव को इस पुस्तक में दर्शाया है, क्योंकि राजनीति एक ऐसा विषय है, जिस पर अलग-अलग लोगों के भिन्न विचार होते हैं, “राजनीतिक घेराव” यह पुस्तक लोगों की सोच और उनके भावनाओ को समझकर लिखा गया है। यह पुस्तक किसी व्यक्ति या किसी एक राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करता है, इस पुस्तक का लिखने का एकमात्र उद्देश्य यही है कि राजनीतिक विषय पर लोग अपने खुद के विचार और भावना को खुलकर समाज में सामने ला सके।
इस विषय से संबंधित प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति की सोच और उनके विचार को प्रकट किया गया है, जो समय के अनुसार राजनीति के विषय पर लोगो के भीतर पनपता है, किस प्रकार लोग, सरकार द्वारा किए कार्यो को आंकते हैं और सरकार के प्रति लोगों की क्या भावना होती है? इन सभी मुद्दों का बड़े बारीकी से उल्लेख किया गया है।
लोगो की सरकार के प्रति उनकी सोच कहाँ तक सही है और कहाँ गलत, इसी के साथ देश में चल रहे कई ऐसे मुद्दे हैं, जो हमेशा से चर्चा का विषय तो ज़रूर रहा है किंतु इसपर कभी समाधान नहीं निकलता और यह सिर्फ जनता के जहन मे केवल एक विचार बनकर रह जाता है। इन्हीं भिन्न विचारों को "राजनीतिक घेराव" पूस्तक का रूप दिया गया है, ताकि राजनीति को हर कोई करीब से जान सके।